दुर्ग। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा योजनाओं की समीक्षा बैठक मनरेगा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत शासन के निर्देशानुसार कृषि संबंधी कार्यों पर व्यय किए जाने एवं अपूर्ण कार्यों को अधिक से अधिक पूर्ण करने के निर्देश दिये। मनरेगा योजन अंतर्गत 266 अनुमेय कार्यों में कृषि संबंधी कार्यों का चयन एवं अपूर्ण वर्मी एवं नाडेप के स्वीकृत कार्यों को पूर्ण करने संबंधी कार्यक्रम अधिकारियों एवं तकनीकी सहायकों की समीक्षा ली गई। समीक्षा बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा पशुपालकों के घरों में अधिक ये अधिक वर्मी एवं नाडेप का निर्माण किए जाने के साथ ही पूर्ण कार्यों को उपयोग में लाने के निर्देश दिये। समीक्षा बैठक में जनपद क्षेत्रों के पंचायतों में पशुओं के ठहरने की व्यवस्था हेतु अनुमेय कार्यों का चयन कर सुरक्षित स्थल निर्माण करने के निर्देश दिए। पंचायतों में समतलीकरण एवं भूमि सुधार कर मवेशियों को बैठने की अच्छी व्यवस्था प्रदान करने हेतु प्राक्कलन तैयार करने कहा गया। ब्लाक ननकट्टी जेवरा, चंदखुरी, कोलिहापुरी, खपरी सी, ब्लाक मुरमुंदा, मुर्रा नंदनी-खुदंनी, पथरिया स, कोडिय़ा, लिटिया, बरहापुर, पाटन पतौरा, सांकरा, महूदा, किकिरमेटा, मर्रा, केसरा पशुओं के देखरेख हेतु कर्मचारियों के दायित्वों का निर्वहन करने एवं क्रमबद्ध कार्ययोजना की रूपरेखा को बताया गया।
उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अंतर्गत सामुदायिक शौचालयों का उपयोगिता बढ़ाने एवं बंद पड़े और अनउपयोगी सामुदायिक शौचालायों को तत्काल प्रारंभ करने के निर्देश दिये। साथ ही कर्मचारियों को सामुदायिक शौचालय के उपयोगिता संबंधी प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिये। धमधा अंतर्गत 168, दुर्ग अंतर्गत 89, पाटन अंतर्गत 148 सामुदायिक शौचालय है। जिनके उपयोगिता संबंधी जानकारी प्रति सप्ताह प्रदान करने हेतु सहायक परियोजना अधिकारी मनरेगा, जिला समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण, ब्लाक् कॉर्डिनेटर स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण को निर्देश दिये हैं। ग्रेवाटर मैनेजमेंट हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा सामुदायिक सोकपटी को उपयुक्त स्थल में बनाने एवं उपयोगी होने की जानकारी फ ोटो सहित प्रति सप्ताह प्रदान करने निर्देश दिये। व्यक्तिगत सोकपीट प्रति पंचायत 10 नग स्वीकृति की जानकारी तकनीकी सहायकवार, पंचायतवार ली गई। साथ ही व्यक्तिगत सोकपीट केवल खानापूर्ति हेतु न बनाए साथ ही अच्छी उपयोगिता की जानकारी प्रदान करने के निर्देश दिए। जल संरक्षण कि दिशा बंद पड़े बोरवेल्स जिनकी स्वीकृति धमधा 43, दुर्ग 96 एवं पाटन 205 है, उन्हें कार्यरत मॉडल के रूप में विकसित करने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया गया कि प्रति ब्लॉक 10 बोरवेल्स जिनका निर्माण पिछले वर्ष किया गया है। उन्हें परीक्षण कर ग्राऊण्ड वाटर रिचार्ज की जानकारी संकल्प करने के निर्देश दिये। पूर्ण में स्वीकृत सभी कार्यों से जल भराव एवं जल रिचार्ज की जानकारी एक सप्ताह के भीतर एकत्र करने के निर्देश दिये।
उन्होंने जल शुद्धिकरण हेतु निर्मित जिला स्तरीय जल शुद्धिकरण संयंत्र की स्वीकृति एवं पूर्णता संबंधी समीक्षा ली गई। सभी पूर्ण कार्यों में ग्रेवाटर एवं वर्षों के पानी का शुद्धिकरण किए जाने हेतु निर्मित संरचना के कार्यों का रिपोर्ट तैयार करने निर्देश दिये। जिन तालाबों में संरचना निर्मित है। उन्हें परीक्षण कर सभी कार्यों की फोटो संबंधी जीपीटी बनाया जाए तथा अधिक से अधिक जल शुद्धिकरण कर कार्य करने के निर्देश दिये गये। सेग्रीगेशन शेड निर्माण एवं पूर्णता की समीक्षा अंतर्गत जिओ टैगिंग हेतु केवल धमधा ब्लाक में 2 जियो टैगिंग हेतु शेष है। साथ ही सभी सेग्रीगेशन शेड को सुचारू रूप से संचालित करने के निर्देश दिये एवं ग्राम पंचायत में स्व. सहायता समूह की महिलाऐं जो सूखा एवं गीला कचरा प्रबंधन एवं संग्रहण का कार्य करती है, उन्हें गिले कचरे जैसे खाद्य पदार्थ एवं हरी सब्जी के छिलके को प्रतिदिवस संग्रहण करके पशुओं तक पहंचाने प्रतिदिवस के कचरे का संकल्प कर प्लास्टिक को प्रति 5-10 पंचायत संग्रहण कर ग्राम पंचायत के माध्यम से प्रति पखवाड़ा 15 दिवस में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजर संयंत्र में भेजने के कार्य रूप रेखा पर विशेष बल देने का सुझाव दिया गया है। उन्होंने कचरे के समूचे उपयोग का विकल्प तलासने की जरूरत पर जोर दिया गया है एवं ग्रामीण दीदीयों को जो कचरा संग्रहण करनी है उन्हें प्रति परिवार मासिक दर से 10-20 रूपये प्रदान करने हेतु प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिये, जिससे महिलाओं का मनोबल बढ़े।
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