दुर्ग। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत ग्राम पंचायत मचान्दुर की निवासी श्रीमती त्रिवेणी बाई की कहानी संघर्ष और सफलता की मिशाल है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने त्रिवेणी बाई जैसे परिवारों को न केवल एक घर दिया है, बल्कि उनके जीवन में सुरक्षा, सम्मान और स्थिरता भी प्रदान की है। यह योजना गरीब परिवारों के लिए एक नई उम्मीद की किरण साबित हो रही है। त्रिवेणी बाई का परिवार बेहद गरीबी में जीवन यापन कर रहा था। पति के विकलांग होने के कारण परिवार पर आर्थिक बोझ और भी बढ़ गया था। त्रिवेणी बाई ने बताया कि जीवन यापन के लिए मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करती थी और घर जुटाने के लिए संघर्ष करती थी। घर कच्चा और जर्जर होने के कारण बारिश के दिनों में छत से पानी टपकने से हर समय डर लगा रहता था कि घर गिर ना जाए, किंतु हमारे मुखिया मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हम गरीबों का ध्यान रखा और हमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने के लिए मदद मिलने से हमारी जिंदगी में रोशनी आ गई। इस योजना की सहायता से हमने एक पक्का और सुरक्षित घर बनाया। अब हम बेफिक्र होकर रहते हैं। मेरा परिवार सुरक्षित महसूस करता है, और हमारे बच्चों को भी बेहतर माहौल मिल रहा है। उन्होंने राज्य सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि मैं सरकार की बहुत आभारी हूं, जिन्होंने हमारे जैसे गरीब और जरूरतमंद लोगों के बारे में सोचा और हमें एक नई शुरुआत करने का मौका दिया। अब हमें भरोसा है कि हमारा भविष्य बेहतर होगा।
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