दुर्ग। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी की अध्यक्षता में ‘‘01 सितंबर 2024 से 30 सितंबर 2024 तक राष्ट्रीय पोषण माह 2024’’ के आगामी आयोजन पर राष्ट्रीय पोषण माह 2024 जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें जिले के समस्त जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे। जनसमुदाय तक स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता संबंधित व्यापक प्रचार एवं प्रभावी व्यवहार परिवर्तन हेतु जनआंदोलन के रुप में प्रतिवर्ष ’’राष्ट्रीय पोषण माह’’ का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें 06 प्रमुख थीम आधारित गतिविधयां एनीमिया, वृद्धि निगरानी, पूरक पोषण आहार, पोषण भी पढ़ाई भी, बेहतर प्रशासन पारदर्शिता और कुशल सेवा वितरण के लिए प्रौद्योगिकी एवं समग्र पोषण के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों और जागरुकता अभियानों का आयोजन किये जाने के विस्तृत निर्देश दिये गये व कार्ययोजना तैयार की गई।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी श्री अजय शर्मा से मिली जानकारी के अनुसार कार्यशाला में पोषण माह के दौरान तिरंगा भोजन के तहत पौष्टिकता को बढ़ावा देने के लिए तिरंगा थाली की अवधारणा पर जोर दिया गया, जिसमें हरी सब्जियां, दाल, और अन्य पौष्टिक तत्व शामिल होंगे। इस अभियान का उद्देश्य लोगों में विविध और संतुलित आहार की महत्ता को समझाना है। गृह भेंट कार्यक्रम के अंतर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधियों को निर्देश दिए कि वे घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं, और बच्चों को पोषण संबंधी जानकारी दें। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सीधे लोगों तक पहुंचना और उन्हें पोषण के बारे में जागरूक करना है एवं एनआरएलएम की टीम को भी इस अभियान से जोड़ने पर चर्चा हुई। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की आजीविका और पोषण में सुधार के लिए एनआरएलएम की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस अभियान के अंतर्गत एनआरएलएम की टीम ग्रामीण क्षेत्रों में पोषण जागरूकता फैलाने और महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का कार्य करेगी। एनीमिक महिलाओं के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई गई है। जिले के 08 परियोजना के 59 सेक्टर के लिए जिले से नोडल अधिकारी नियुक्त करने के भी निर्देश दिए गए हैं। ये नोडल अधिकारी संबंधित क्षेत्रों में पोषण माह की गतिविधियों का समन्वय और क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे, ताकि अभियान का प्रभाव अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे। पोषण माह 2024 का मुख्य उद्देश्य पोषण पंचायतो को सक्रिय करना है, इस हेतु ग्राम स्तर पर सरपंच एवं ग्राम पंचायतजों को गतिविधियोें का आधार बनाते हुए जनआंदोलन को जनभागीदारी के रुप में परिवर्तित करना है एवं विभिन्न सहयोगी विभागो के मैदानी अमले के मध्य प्रभावी समन्वय स्थापित करते हुए जिला/विकासखण्ड, ग्राम स्तर एवं प्रत्येक केन्द्र स्तर पर पोषण माह का आयोजन किया जाना है।
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